The best Side of sidh kunjika
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शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ।
हुं हुं हुङ्काररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा ॥ १५ ॥
रात के समय ये पाठ ज्यादा फलदायी माना गया है.
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ॥ १० ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
इस पाठ के करने से अष्टसिद्धियां प्राप्त होती हैं.
विच्चे चा ऽभयदा नित्यं, नमस्ते मन्त्ररूपिणि।।
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र में मां दुर्गा की नौ देवियां और दस महाविद्या का वर्णन है.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
मां दुर्गा की पूजा-पाठ में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें. सुबह-शाम जब भी आप ये पाठ करें तो स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें और फिर get more info इसे शुरू करें.
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।